बढे चलो -बढे चलो ऐ माँ के लाडलो, ........(२)
बहनो के वीर बनो, बिजली और तीर बनो ,
जुल्मी और जाल्मो को मारते चलो -ऐ माँ के लाडलो ॥
दुश्मनू को मारकर , लताड़कर ,पछाड़कर ।
भूचाल सी कम्पन लिए , दहाड़ते चलो ॥
बढे चलो बढे चलो ऐ माँ के लाडलो ...........(२)
पर्वत और चटान हो , जंगल बैयाबान हो ।
भयंकर युद्ध घमासान हो । शोलों भरा आसमान हो ॥
तिरंगा लिए हाथ में उछालते चलो - उछालते चलो।
बढे चलो -बढे चलो ऐ मान के लाडलो ....(२)
आजाद हिंद देश है । एक ही गणवेश है ॥
एक ही उद्येश है । मिला यही निर्देश है ॥
बढे चलो बढे चलो ऐ माँ के लाडलो .... (२)
बहनो के वीर बनो । बिजली और तीर बनो ॥
जुल्मी और जालम को मारते चलो ॥
बढे चलो बढे चलो ऐ माँ के लाडलो ।
बढे चलो बढे चलो ऐ माँ के लाडलो ॥
Wednesday, March 12, 2008
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1 comment:
bahut hi sundar
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